भोपाल। वक्फ प्राधिकरण ने एक अहम फैसला सुनाते हुए जहांगीराबाद स्थित पुलिस कंट्रोल रूम को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया। प्राधिकरण ने अपने फैसले में बताया है कि पुलिस मुख्यालय कब्रिस्तान की जमीन पर बना है, जो अतिक्रमण की श्रेणी में आता है।
पुलिस मुख्यालय की जमीन को अपनी संपत्ति बताते हुए वक्फ बोर्ड के अधीन काम करने वाली संस्था मुतावल्ली कमेटी इंतेजामिया औकॉफ-ए-आम्मा ने 2007 में वक्फ प्राधिकरण में याचिका दायर कर जायदाद का मालिकाना हक दिलाने की मांग की थी। इस मामले में मप्र शासन, गृह सचिव, डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस और नगर निगम को पार्टी बनाया गया था।
औकॉफ-ए-आम्मा की तरफ से वादी मोहम्मद रफी व मोहम्मद सलीम ने प्राधिकरण को बताया कि जिस जमीन पर पुलिस मुख्यालय बना है, वह कब्रिस्तान की भूमि है। यह वक्फ बोर्ड द्वारा संधारित पंजी में क्रमांक 928 व सिटी सर्वे नंबर 1462 में दर्ज है। वर्ष 1994-95 के खसरा पंचसाला के कालम नंबर 3 में भी इसे कब्रिस्तान दर्शाया गया है। मप्र वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कराई गई जांच में सामने आया कि इस जमीन पर अवैध निर्माण भी कर लिया गया है।
इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए वक्फ प्राधिकरण ने अपना फैसला सुनाया है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। आदेश जारी होने के दो महीने के अंदर गृह विभाग इस जमीन का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड को सौंप दे। साथ ही 1 लाख 18 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से 8 साल की क्षतिपूर्ति प्रदान करे।
कब्रिस्तान फौजियान के नाम से मशहूर
प्राधिकरण ने जिस भूमि को वक्फ बोर्ड की जायदाद घोषित किया है,वह कब्रिस्तान फौजियान के रूप में जानी जाती है। नवाबी काल में इस कब्रिस्तान में फौजियों को दफनाया जाता था। इसी परिसर में भोपाल के नवाब जहांगीर मोहम्मद खान का मकबरा भी है।