बालाघाट। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी कलेक्टर बालाघाट द्वारा अभ्यावेदन को निराकरण नहीं किए जाने को याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। दायर की गई अवमानना याचिका में कहा गया है कि शासकीय तालाब अतिक्रमण से लगातार अतिक्रमण का सिलसिला जारी है। इसके बावजूद भी प्रशासन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
हाईकोर्ट जस्टिस राजेन्द्र मेनन व जस्टिस केके त्रिवेदर की युगलपीठ ने याचिका की सुनाई करते हुये कलेक्टर बालाघाट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
पत्रकार आंनद ताम्रकार की तरफ से दायर की गयी अवमानना याचिका में कहा गया था कि वारासिवनी स्थित शंकर तालाब का कुल शासकीय रकबा 22 एकड है। अतिक्रमण के कारण तालाब का रकबा 12 एकड ही बचा है। तालाब में अतिक्रमण कर उसे पाटने का सिलसिला जारी है। पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुये चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने निर्देश जारी किये थे कि जिला कलेक्टर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर 8 सप्ताह में कार्यवाही करें। याचिका में आरोप लगाते हुये कहा गया था कि अक्टूबर 2014 में उन्होने कलेक्टर को अभ्यावेदन दिया था।
एक वर्ष का समय गुजर जाने के बावजूद भी तालाब में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके कारण तालाब का अस्तित्व मिटता जा रहा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अनुवाद श्रीवास्तव ने पैरवी की।