जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्धारित किया है कि सरकारी सेवा काल में मृत्यु पर उसके भाई को आश्रित के तौर पर अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही वरिष्ठ न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विरुद्ध निर्मल वर्मा की ओर से दायर रिट याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि राजस्थान मृत कर्मचारी आश्रित अनुकम्पा नियुक्ति नियम, 1996 के नियम जोधपुर विद्युत वितरण निगम पर प्रभावी हैं और इन नियमों के तहत आश्रित की परिभाषा में भाई शामिल नहीं है।
याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि निगम द्वारा उसके सगे भाई की सेवाकाल में मृत्यु होने पर समय पर आवेदन करने पर भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है।उनका कहना था कि याचिकाकर्ता पूर्णतया अपने भाई पर ही आश्रित था और उसके भाई की तरफ से अन्य किसी ने भी आवेदन नहीं किया है। उनका कहना था कि अनुकम्पा नियुक्ति नियमों के तहत खून के रिश्ते में कोई भी आश्रित जो निर्धारित योग्यता रखता हो, वह नियुक्ति पा सकता है। याचिका को प्रारम्भिक स्तर पर ही खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि सरकार द्वारा आश्रितों के लिए बनाए नियमों में भाई को आश्रित नहीं माना है। इसलिए वह नियुक्ति का हकदार नहीं है।