जबलपुर। हाईकोर्ट बार ने तय किया है कि वो मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का बहिष्कार करेंगे। यह बहिष्कार तब तक चलता रहेगा जब तक कि उनका तबादला नहीं हो जाता। बता दें कि 24 नवम्बर को वकील अपने 2 साथियों की हत्या के विरोध में हड़ताल पर थे, हाईकोर्ट ने इस दौरान अनुपस्थित वकीलों के मामले खारिज कर दिए थे, इससे स्थिति तनावपूर्ण बन गई है।
हाईकोर्ट बार ने ऐलान किया है कि जब तक मुख्य न्यायाधीश का मध्यप्रदेश से तबादला नहीं हो जाता तबतक कोई भी अधिवक्ता मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पैरवी के लिए खड़ा नहीं होगा। बैठक के दौरान सैंकड़ों की संख्या में वकील मौजूद थे। जिन्होंने सर्वसम्मति से मुख्य न्यायाधीश की अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
दरअसल, वकीलों पर हो रहे लगातार हमलों के विरोध और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर प्रदेशभर के वकील ने 24 नंवबर को प्रतिवाद दिवस मनाया और अदालतों में पैरवी के लिए नहीं पहुंचे.
इस पर जबलपुर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायधीश की बैंच समेत अन्य अदालतों ने कड़ा कदम उठाते हुए कोर्ट में गैरहाजिर रहे वकीलों के अधिकांश मुकदमें खारिज कर दिए थे. इस समस्या से निपटने के लिए 26 नंबवर को हाईकोर्ट बार की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें वकीलों ने ये कड़ा फैसला लिया.