भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के किसानों की समस्याओं को लेकर शुक्रवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले। शिवराज ने जेटली को एक ज्ञापन देकर प्रदेश में फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए तत्काल केन्द्रीय दल भेजने की मांग की।
उन्होंने वित्त मंत्री को प्रदेश में सूखे की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। शिवराज ने जेटली के सामने नाबार्ड द्वारा किसानों को कर्ज देने में अपनी हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत से घटा कर 40 प्रतिशत किए जाने का मामला भी उठाया।
उन्होंने मांग की कि प्रदेश में सूखे के हालात को देखते हुये नाबार्ड की हिस्सेदारी की सीमा बढ़ाई जाए। शिवराज सिंह ने केन्द्र की संस्था एपिडा द्वारा मध्य प्रदेश के बासमती चावल को मान्यता नही दिए जाने का मुद्दा भी उठाया।
उल्लेखनीय हैं कि शिवराज सिंह इन दिनों भारी दबाव में हैं। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नही हैं। ऊपर से प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन पर केन्द्र से आर्थिक सहायता मांगने का भारी दबाव है।
विपक्ष तो उन्हें कटघरे में खड़ा कर ही रहा हैं। खुद सरकार के भीतर यह राय बन रही हैं कि केन्द्र से सहायता मांगी जाए। देखना यह हैं कि केन्द्र सरकार उनकी कितनी मदद करती है।