भोपाल। अविभाजित मध्यप्रदेश में पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक मसीह दास पर वर्ष 1998 में रेंजर भर्ती के एवज में रिश्वत राशि लेने के आरोप लगे थे। वर्ष 2000 में अभियोजन पत्र पेश करने के बाद तीन वर्षो तक अदालत में प्रकरण चला। वर्ष 2003 में इंदौर जिला सत्र न्यायालय ने मसीह को दोषी करार देते हुए तीन विभिन्न धाराओ में तीन - तीन वर्ष के सश्रम करावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद वो फरार हो गया था।
पुलिस ने कई बार उसके ठिकानों पर दविश दी परंतु हर बार नाकारी ही हाथ लगी। पूरे 12 सालों तक यह उपक्रम चलता रहा। मध्यप्रदेश का बंटवारा हो गया और फरारी डीएसपी छत्तीसगढ़ में जाकर छिप गया। लोकायुक्त दल को इस बार सटीक सूचना मिली तो पुलिस नक्सलियों के भेष में उस इलाके में जा पहुंची जहां मसीह छिपा हुआ था और एक बड़े ड्रामे के बाद उसे गिरफ्तार कर ही लिया गया।
अभ्यर्थी प्रेम प्रकाश के पिता कालका प्रसाद ने मसीह के खिलाफ शिकायत की थी।
15 नवंबर को मसीह को सीजीके अंबिकापुर से किया गया था गिरफ्तारै
ट्रांजिट वारंट पर कल रात मसीह को लाया गया इंदौर।
लोकायुक्त द्वारा आज इंदौर जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अफसर खान जावेद के समक्ष मसीह को किया गया पेश।
जहा से मसीह को भेजा गया जेल गया।