बिलासपुर। मुआवजे की रकम में लापरवाही बरतने के आरोप पर जिला कोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर को जेल भेजने की स्थिति में भोजन में होने वाले खर्च की जानकारी जेल अधीक्षक से मांगी है। प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश के इस आदेश से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है।
मामला बिल्हा तहसील के ग्राम मोहभठ्ठा का है। मोहभठ्ठा निवासी व वकील अयोध्या प्रसाद दुबे की गांव में जमीन है। शासकीय प्रायोजन के लिए इनकी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। जमीन अधिग्रहण के बाद भी मुआवजा की राशि नहीं दी जा रही है। मुआवजा न देने से परेशान श्री दुबे ने जिला कोर्ट में वाद दायर किया। मामले की सुनवाई अपर जिला न्यायाधीश श्रीमती गीता नवारे के कोर्ट में हुआ। सुनवाई के बाद श्रीमती नवारे ने मुआवजा न देने पर राज्य शासन की चल अचल संपत्ति कुर्क करने कुर्की वारंट जारी किया था।
आदेश के बाद भी डिक्री की रकम का भुगतान नहीं किया गया और न ही अचल संपत्ति की डिक्री ही की गई। आदेश का परिपालन न करने के संबंध में अयोध्या प्रसाद दुबे ने आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सुनवाई की मांग की थी। आवेदन की सुनवाई के दौरान न्यायधीश श्रीमती नवारे ने राज्य शासन की चल संपत्ति कुर्क करने दोबारा आदेश पारित किया।
साथ ही जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी लेने आदेश किया है कि कलेक्टर को जेल भेजने की स्थिति में प्रतिदिन की खुराक का खर्च का ब्योरा मांगा जाए। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती नवारे के कोर्ट से जारी आदेश के बाद पक्षकार श्री दुबे ने कलेक्टर को जेल भेजे जाने की स्थिति में प्रतिदिन खुराक खर्च का ब्योरा मांगने तलवाना जमा कर दिया है।