भोपाल। लीजिए अब कोर्ट का रिकार्डरूम भी सुरक्षित नहीं रह गया। करीब 35 साल पुराने एक फैसले की कॉपी में छेड़छाड़ कर दी गई। मामला उजागर हुआ तो हड़कंप मच गया। अब जिम्मेदारियां तय करने की कवायद चल रही है ताकि कार्रवाई की जा सके।
बताया जा रहा है कि ये दस्तावेज 1980 में बादामी लाल विरूद्ध चंदन सिंह के जमीनी मामले पर सुनाए गए फैसले के हैं। अज्ञात शख्स ने मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर उन्हें वापस अभिलेखागार में रख दिया ताकि किसी को शक न हो।
जब दस्तावेजों की जांच की गई, तब जाकर अभिलेखागार में फर्जी दस्तावेजों के रखे होने का खुलासा हुआ। जिसके बाद कोर्ट ने एमपी नगर पुलिस को घटना की सूचना दी।
कोर्ट की शिकायत पर एमपी नगर थाना पुलिस ने अज्ञात शख्स पर एफआईआर दर्ज कर ली है। शक के दायरे में अभिलेखागार के स्टाफ के साथ वहां के गार्ड भी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कोर्ट के सभी गेटों पर सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं और हर किसी को वहां आने की इजाजत नहीं होती। ऐसे में अभिलेखागार में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ होने का मामले में कोर्ट के ही किसी व्यक्ति के शामिल होने की आशंका है।