पंडित सोमेश्वर जोशी। पद्मपुराण के अनुसार देवउठनी ग्यारस, देवप्रबोधनी ग्यारस 22 नवम्बर को मनाई जाएगी।
- देवउठनी ग्यारस पर मंदिरों व घरों में भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा-अर्चना की जाए।
- मंडप में शालिग्राम की प्रतिमा एवं तुलसी का पौधा रखकर उनका विवाह कराया जाए।
- मंदिरों के व घरों में गन्नों के मंडप बनाकर, पूजन कर उन्हें बेर,चने की भाजी, आंवला सहित अन्य मौसमी फल व सब्जियों के साथ पकवान का भोग अर्पित करें।
- शालिग्राम, तुलसी व शंख का पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
- मण्डप की परिक्रमा करते हुए भगवान से कुंवारों के विवाह कराने और विवाहितों के गौना कराने की प्रार्थना करे।
- गोधूलि बेला में तुलसी विवाह करने का पुण्य लिया जाता है।
- शालिग्राम, तुलसी व शंख का पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
- दीप मालिकाओं से घरों को रोशन किया जाए पटाखे चलाकर खुशियां मनाएं।
अविवाहित लड़के-लडकिया को इस दिन का काफी समय से इंतजार रहता है क्योकि इसी दिन के पश्चात मांगलिक कार्य प्राम्भ हो जाते हैं परन्तु इस बार इस दिन देव तो जागेगे परन्तु मांगलिक कार्यो के लिए कुछ समय और प्रतीक्षा करना होगा क्योंकि ज्योतिष के अनुसार विवाह के लिए अनुकूल योग अभी नहीं है इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्योदय से दोपहर 02:29 मिनिट तक रहेगा।
चार महीने पश्चात शुरू होने वाले मांगलिक कार्यो इस साल शादी के सिर्फ आठ मुहूर्त हैं नवंबर में 26 व 27 और दिसंबर में 4, 7, 8, 12, 13 व 14 हैं। गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार सहित अन्य शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे।
जबकि अगले साल सिंहस्थ के चलते मात्र 28 मुहूर्त रहेंगे जनवरी से अप्रैल तक 20 मुहूर्त इस बार 2016 में विवाह के मुहूर्त कम हैं। जनवरी से अप्रैल तक 20 मुहूर्त हैं। इसके बाद 28 अप्रैल से 12 जुलाई तक शुक्र अस्त होने और 15 जुलाई को देव सोने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे। दोबारा विवाह की शुरुआत 16 नवंबर 2016 से होगी। नवंबर और दिसंबर 2016 में आठ मुहूर्त हैं। इसके चलते अगले साल सिर्फ 28 मुहूर्त हैं।
अगले वर्ष विवाह मुहूर्त:
जनवरी: १५,१९,२०,२९
फरवरी: ४,५,२२,२४
मार्च: २,५,१०
अप्रैल: १६,१७,१८,१९,२०,२२,२३,२६,२७
नवम्बर: १६,२३,२४
दिसंबर:१,३,८,९,१२