भोपाल। जो महिला देश के नाम पर शहीद हो गई, जिसने कांग्रेस के लिए खून बहाया, आज उसके नाम पर रक्तदान करने वाला कोई नहीं बचा। मप्र कांग्रेस कमेटी ने रक्तदान शिविर तो लगा दिया लेकिन रक्तदान करने कोई कांग्रेसी नहीं आया। बस 10 लोगों ने रक्तदान कर इंदिरा गांधी की लाज बचाई।
रक्तदाताओं में वरिष्ठ कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह, गोविंद गोयल, कुणाल चौधरी, नयन सिंह बमनेले, मोहन मालवीय, सोनू भाभा, डॉ. मनोज चौहान, मोहम्मद शोएब खान, राजेश तायल शामिल थे। हालांकि करीब सौ कांग्रेसियों ने रक्तदान करने फार्म भरे थे, लेकिन जब रक्तदान करने की बारी आई तो बीमारी का कहकर आगे चले गए।
- किसने क्या वजह बताई
- पीसी शर्मा ने कहा कि उन्हें झाबुआ-रतलाम दौरे पर रवाना होना था। तीन चार दिन वहां रहना है, इसलिए रक्तदान नहीं किया।
- केके मिश्रा ने कहा कि वे 52 बार पहले खून दे चुके हैं, इसलिए अब खून नहीं दे सकते।
- भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि वे कतार में थे। देर हो रही थी इसलिए चले गए।
- गुड्डू चौहान ने झुग्गियों के पुनर्वास से जुड़े मामले में जाने का कारण बताया।
- अकबर बेग बोले वे शुगर के मरीज हैं।
- त्रिलोक दीपानी का कहना था कि उन्हें एलर्जी है।
- सईद अहमद ने कहा कि वे शुगर पेशेंट हैं।
- रवि सक्सेना बीमार थे, इसलिए ब्लड डोनेट नहीं किया।
- चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि रक्तदान नहीं करने की कोई खास वजह नहीं थी।
सरदार पटेल के नाम पर 50 लोगों ने किया रक्तदान
इधर हमीदिया अस्पताल में ब्लड बैंक अॉफिसर डॉ. यूएम शर्मा कहते हैं कि बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्मतिथि पर रक्तदान शिविर आयोजित किया था। वहां पचास लोगों ने रक्तदान किया। वहीं प्रदेश कांग्रेस कार्यलय में दस लोगों ने रक्तदान किया।
10:30 तक तो ताले ही नहीं खुले थे पीसीसी के
इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर शनिवार को 10:30 बजे तक पीसीसी के ताले तक नहीं खुले। गृह मंत्री बाबूलाल गौर जिस वक्त पीसीसी के सामने इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे, तब कार्यालय के ताले तक नहीं खुले थे। ऐसे में गौर माल्यार्पण कर वहां से रवाना हो गए। इसके बाद पीसीसी का ताला खुला और कांग्रेसी नेताओं ने पुण्यतिथि मनाई।