भोपाल। अंतत: वह भी हो गया जिसका डर था। सत्ता का सबसे गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आ गया। नीमच में आमरण अनशन कर रहे एक किसान की मौत हो गई। सरकार ने ना अनशन तुड़वाने का प्रयास किया और ना ही उसका इलाज कराया गया।
मल्हारगढ़ तहसील के गरनई निवासी 65 वर्षीय रामलाल डांगी अफीम कास्तकार हैं और 4 साल पहले कोटड़ा बहादुर से गरनई में रहने आए थे। उनके पास 10 आरी का पट्टा था। 12-13 में मौसम की मार के चलते पट्टा कट गया। रामलाल ने 10 अक्टूबर को पट्टे की मांग को लेकर किसानों द्वारा नीमच में किए जा रहे धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। भूख हडताल पर बैठे। यहीं पर उनकी तबीयत खराब हो गई। स्थानीय प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। दो दिन बाद रामलाल फिर धरनास्थल पहुंच गए। 26 अक्टूबर को सांसद के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया, लेकिन रामलाल के स्वास्थ्य में सुधार नहीं आया। सोमवार सुबह उनका निधन हो गया।