भोपाल। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के भर्ती घोटाले में सीबीआई ने परफार्मिंग आर्ट्स एवं अपराध शास्त्र विभाग में भर्ती के फर्जीवाड़े की जांच पूरी कर ली है। चालान पेश करने के पहले आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई के लिए उनके नियोक्ताओं की अनुमति मांगी जा रही है। इसके लिए सीबीआई जल्दी ही आईआईटी कानपुर एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को औपचारिक पत्र रवाना करेगी।
भर्ती घोटाले के प्रमुख आरोपी पूर्व कुलपति प्रो.एनएस गजभिए के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई शुरू करने के पहले आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर की अनुमति मांगी जाएगी। फर्जीवाड़े में संलग्न सागर विवि के शिक्षक व अफसरों के मामले में विवि प्रशासन को धारा 19 के तहत सीबीआई इस संबंध में जल्द ही पत्र भेजेगी। सीबीआई विभिन्ना विभागों के भर्ती घोटाले को लेकर आधा दर्जन प्रकरण कायम कर चुकी है। इसके अलावा गजभिए के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी कायम किया गया है। इनमें से परफार्मिंग आर्ट्स एवं अपराध शास्त्र विभाग के मामले में छानबीन की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है।
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि दोनों मामले में चालान पेश करने के पहले सीबीआई यह औपचारिकता पूरी करती है। पूर्व कुलपति गजभिए अभी जमानत पर है, आईआईटी कानपुर उन्हें निलंबित कर चुकी है। डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के दोनों विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में आवेदकों की पात्रता संदिग्ध पाई गई है। इसमें सिलेक्शन कमेटी और स्क्रूटनी कमेटी के सदस्यों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। भर्ती प्रक्रिया में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं एचआरडी के मापदण्डों की अवहेलना भी पाई गई है। सीबीआई ने मामले में आपराधिक साजिश की धारा 120 बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।