FACEBOOK और WHATSAPP से मिर्गी का खतरा

Bhopal Samachar
भोपाल। यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यदि आप FACEBOOK और WHATSAPP या इसके जैसी दूसरी एप्लिकेशंस पर बहुत ज्यादा वक्त बिताते हैं, लेटनाइट चैटिंग किया करते हैं तो आपको मिर्गी का खतरा हो सकता है।

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. टीएन दुबे के मुताबिक, देर रात तक चैट करने से कई बार अचानक चौंकना, डर और घबराहट महसूस होती है। साथ ही कभी-कभी नजर में धुंधलापन, नींद के दौरान कुछ सेकंड से एक मिनट तक मस्तिष्क में झनझनाहट महसूस होती है।
ये सभी मिर्गी के शुरुआती लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि आजकल कई युवा इन लक्षणों के कारण अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिन्हें मिर्गी के शुरूआती इलाज के साथ ही मोबाइल से दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है।

डॉ. टीएन दुबे ने कहा कि युवाओं में मिर्गी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह नींद पूरी न होना और देर रात तक चैटिंग करना है।

दिमाग से है मिर्गी का संबंध
डॉ. दुबे ने बताया कि मिर्गी का संबंध दिमाग से है. दिमाग की नसों में एक विद्युतीय तरंग निकलती है। ये सारी तरंगें विद्युतीय नाड़ियों के जरिए आपस में संपर्क रखती हैं।
जब कभी मस्तिष्क में असामान्य रूप से विद्युत का संचार होने लगता है तो मरीज को विशेष प्रकार के झटके लगते हैं और वह बेहोश हो जाता है। बेहोशी की अवधि चंद सेकेंड, मिनट या घंटों तक हो सकती है. दौरा समाप्त होते ही मरीज सामान्य हो जाता है।

मिर्गी आने पर क्या करें
1. मरीज को शांत रखें और उसे जमीन पर लेटा दें. उसके कपड़ों को ढीला कर दें.
2. मरीज के आसपास से सभी नुकीली वस्तुएं हटा दें.
3.सिर को एक तरफ घुमा दें ताकि मुंह में झाग आने पर वो आसानी से निकल सके, जिससे घुटन न हो.
क्या न करें
1.मरीज के आसपास भीड़ इकट्ठा न होने दें और उसे हवा लगने दें.
2.मरीज के दौरे को रोकने की कोशिश न करें.
3.मरीज के मुंह में कोई वस्तु या पानी न डालें. यह मरीज के लिए घातक हो सकता है.
4.जब तक मरीज को होश ने आ जाए उसके मुंह में पानी न डालें.
5.मरीज को जूता या जुलाब न सुंघाएं और न ही उसकी नाक बंद करें.

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