भोपाल। सीबीआई ने मप्र एवं छग में NIRMAL INFRAHOME CORPORATION LIMITED के 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापामारी की है। बताया गया है कि यह कंपनी प्रॉपर्टी में निवेश के नाम पर ठगी करती थी। निवेशकों को 3 साल में निवेश की रकम दोगुना करने का लालच दिया करती थी। इसने मप्र/छग से भी करोड़ों रुपए जुटाए।
ओडिसा के भुवनेश्वर से आई सीबीआई टीम ने मप्र में 20 एवं रायपुर में एक निजी दफ्तर पर छापा मारकर दस्तावेज जब्त किए हैं। लालगंगा रायपुर में सीबीआई ने एक व्यक्ति से पूछताछ की। उसे उसी के दफ्तर में कुछ देर के लिए डिटेन किया गया और पूछताछ कर सीबीआई की टीम वापस रवाना हो गई।
डेढ़ साल से लगातार चल रही है जांच
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछले डेढ़ साल से सीबीआई मामले की छानबीन में जुटी है। घोटाले के तार भोपाल एवं आसपास के जिलों से जुड़े होने पर सीबीआई की टीम ने मंगलवार को भोपाल के अलावा ग्वालियर, सीहोर, राजगढ़, आष्टा एवं शाजापुर में छापा मारकर बड़ी संख्या में दस्तावेज एवं अन्य साक्ष्य जब्त किए। भोपाल में इस कंपनी से जुड़े अभिषेक सिंह का नाम सामने आया है। जांच अफसरों ने राजधानी के एमपी नगर जोन 2, गुलमोहर, जवाहर चौक, भरतनगर एवं पलाश परिसर सहित 5 ठिकानों पर दिनभर छानबीन की।
करोड़ों रुपए समेट कर भागे
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सारदा चिटफंड से जुड़े हाई प्रोफाइल लोगों ने निर्मला इन्फ्राहोम कार्पोरेशन लिमिटेड (एनआईसीएल) के जरिए छोटी-छोटी कंपनियां बनाकर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। इन कंपनियों ने कृषि, हाउसिंग, रियल इस्टेट एवं फिल्म निर्माण में निवेश के नाम पर मध्यमवर्गीय परिवारों से करोड़ों रुपए जमा कराए। शुरुआत में कुछ लोगों को पैसा दोगुने करके लौटाए भी, लेकिन डेढ़ साल बाद सारा पैसा समेट कर फरार हो गए। जांच अधिकारियों ने बताया कि पैसा दोगुना करने का लालच देकर एजेंट्स को कमीशन के नाम पर करीब 35 फीसदी रकम बांटी जा रही थी।
शिकंजे में रसूखदार
छापे की कार्रवाई में भोपाल, जबलपुर एवं रायपुर के सीबीआई अफसरों को भी लगाया गया था। इस चर्चित घोटाले में सीबीआई अनेक रसूखदारों को दबोच चुकी है। पश्चिम बंगाल में सीबीआई इस घोटाले में वहां के परिवहन मंत्री मदन मित्रा, सांसद संजय बोस और कुनाल घोष को गिरफ्तार कर चुकी है। पूर्व डीजीपी रजत मजूमदार एवं मुकुल राय से भी पूछताछ की जा चुकी है।