सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। यहां हुए आरटीओ घोटाले में बालाघाट पुलिस ने सिवनी के तत्कालीन आरटीओ अनिल श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है यह कार्रवाई भरवेली पुलिस द्वारा जप्त किये गये वाहन एमपी 22-2344 वाहन का सिवनी में रजिस्ट्रेशन होना पाया गया उस समय अनिल श्रीवास्तव सिवनी में पदस्थ रहे कुछ समय पश्चात इसी वाहन का बालाघाट में पंजीयन कर दिया गया है।
इस मामले की जांच में लगी एसआईटी प्रमुख एडीसनल एसपी नीरज सोनी ने बताया की आरटीओ के खिलाफ पुलिस ने कुटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला कायम किया है। फर्जी रजिस्ट्रेशन मामले में एसआईटी की एक टीम ने कल सोमवार को रायपुर में परिवहन विभाग के दफतर में संदिग्ध दस्तावेजो की जांच की जहां से सिवनी आरटीओ के दफतर से बरामद हुये दस्तावेजों की तस्दीक करने के बाद कुछ अहम जानकारी जुटाई है।
सिवनी आरटीओ दफ्तर से भी 25 से अधिक फर्जी रजिस्ट्रेशन किये जाने के मामले से जुडी फाईलें गायब बताई गई है इस आधार पर कहा जा सकता है की सिवनी और बालाघाट के दफतर में जमकर फर्जीवाडा किया गया है। वर्ष 2007 में सिवनी में पदस्थ रहे आरटीओ अनिल श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया गया है जिसकी शीघ्र गिरफ्तारी की जायेगी।
वहीं वर्ष 2010 में बालाघाट में पदस्थ रहे तत्कालीन आरटीओ जी.डब्ल्यू.तिग्गा भी इस मामले में संलिप्त पाये गये। यह उल्लेखनीय है कि वाहनों के इस फर्जी रजिस्टेªशन मामले में बालाघाट में पदस्थ रहे 3 आरटीओ सुभाष सोना, हरदेनिया तथा आर डी दक्ष पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके है।