सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट जिले में हुये बहुचर्चित वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन करने के मामले का मास्टरमाइंड लिपिक राजीव उपाध्याय को कल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह लिपिक पिछले 6 माह से फरार था जिसकी गिरफतारी के लिये 30 हजार रूपये का इनाम रखा गया था।
इसके विरूद्ध बालाघाट जिले के 6 विभिन्न थाना क्षेत्रों में 6 मामले दर्ज है। पुलिस ने लिपिक से पूछताछ करने के लिये 23 नवंबर तक उसे रिमाड पर लिया है। पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया की बालाघाट और सिवनी जिले में पदस्थापन के दौरान राजीव उपाध्यय ने वाहनों के फर्जी रजिस्टेªशन करने के लिये उसकी अहम भूमिका रही है उन्होने यह भी अवगत कराया की बालाघाट में जप्त किये गये वाहनों में किये गये फर्जीवाडे के तार सिवनी जिले के परिवहन विभाग से भी जुडे हुये है भेष बदलकर पिछले 6 माह से फरारी काट रहे राजीव उपाध्यय को भरवेली पुलिस ने कल बस स्टेण्ड से गिरफ्तार किया था।
श्री गौरव तिवारी ने बताया की अब तक वाहनों के फर्जी रजिस्टेशन मामले में पुलिस ने 15 अधिक मामले पंजीबद्ध किये है जिनसे जुडे 40 लोगों के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज है। 25 से अधिक वाहन पुलिस ने जप्त किये है।
पुलिस राजीव उपाध्यय को फर्जी रजिस्टेशन मामले में मास्टर माइड मान रही है जो कि कुटरचित दस्तावेज बनाये जाने के पुरे फर्जीवाडे में इसकी अहम भूमिका है और पुराने या चोरी के वाहनों के फर्जी रजिस्टेशन करने के लिये राजीव उपाध्यय ही फर्जी एनओसी तैयार करता था।
कई मामलो में तो बिना दस्तावेज लगाये सिवनी जिले में इसने गाडीयों का रजिस्टेशन करा दिया है। राजीव उपाध्यय की पदस्थी सन 2011 में बालाघाट जिले में हुई थी तब से अब तक उसके द्वारा बनाये गये सभी मामलों की छानबीन की जायेगी।