1000 दिन हो गये शांतिपूर्वक धरने के, कोई सुनता ही नहीं

जबलपुर। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आंदोलनकारियों को झिड़कते हुये अक्सर कहते हैं कि शांतिपूर्वक अपनी बात रखिये सरकार संवेदनशीलता के साथ सुनेगी। और इधर शांतिपूर्वक धरना देते हुये 1000 दिन बीत गये, सरकार अनुकंपा आश्रितों से बात करने तक को तैयार नहीं।

अनुकंपा आश्रितों ने मंगलवार को फिर एकजुटता दिखाई और बड़ी रैली के रूप में घंटाघर पहुंचे और प्रशासन के सामने गुहार लगाई। हर चेहरे पर मायूसी, फिर भी हर आखों में इस बात की उम्मीद कि एक दिन संघर्ष जरूर खत्म होगा और खुशियां उनके हिस्से में भी आएंगी। इस तरह के जज्बातों के साथ शक्ति भवन के सामने धरने के एक हजार दिन पूरे करने वाले अनुकंपा आश्रिताें ने रैली निकाली। 

रैली रामपुर, शास्त्री ब्रिज, नगर निगम चौराहा, नौदराब्रिज होते हुए घंटाघर पहुंंची। यहां प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि समस्त प्रकरणों का निराकरण कर अनुकंपा आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए। इस अवसर पर संयोजक असगर खान, जुगल ​किशोर विश्वकर्मा, नितिन कछवाहा, हेमराज यादव, विनोद केवट, कीर्ति सैनी, माधुरी, राधा ठाकुर, पार्वती तिवारी, हरेन्द्र श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य शामिल रहे।

याद दिला दें कुछ समय पहले बिजली अनुकंपा आश्रित मुख्यमंत्री से दया की गुहार लिये जबलपुर से भोपाल तक पैदल आये थे, यहां सप्ताह भर पड़े भी रहे लेकिन मुख्यमंत्री ने मुलाकात के 5 मिनिट तक नहीं दिये। देखते हैं मप्र में लोकतांत्रिक विरोध का यह तरीका कभी जीत भी पाता है या नहीं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!