नईदिल्ली। विश्व बैंक ने महत्त्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान के लिए 1.5 अरब डालर के कर्ज को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद 2019 तक भारत सरकार के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने सभी नागरिकों को बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था उपलब्ध कराने और खुले में शौच को खत्म करने के अभियान में मदद करना है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में 2.4 अरब लोगों के पास स्वच्छ माहौल में रहने की सुविधाएं नहीं हैं। इनमें से 75 करोड़ से अधिक भारत में रहते हैं। कुल 2.4 करोड़ लोगों में से 80 फीसद ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। भारत में करीब 50 करोड़ ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती है। इससे न केवल वे बीमार और परेशान होते हैं बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है।
कर्ज का उपयोग स्वच्छ भारत मिशन के लिए किया जाएगा। विश्व बैंक के भारत में क्षेत्रीय निदेशक ओनो रूल ने कहा कि भारत में हर 10वीं मौत स्वच्छता के अभाव से जुड़ी है। अध्ययन बताता है कि कम आय वाले परिवार साफ-सफाई की खराब व्यवस्था से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का मकसद सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के क्रियान्वयन को मजबूती देना है।