
कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के अध्यक्ष सतीश पाण्डेय ने बताया कि कैशलेस इलाज, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक को हटाने, केन्द्र के बराबर भत्ता दिए जाने और पुरानी पेन्शन व्यवस्था लागू करने जैसी मांगों को लेकर राज्य के कर्मचारी लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। उन्होने बताया कि इलाज के लिये कर्मचारियों को अभी पहले अस्पताल में अपनी जेब से भुगतान करना पडता है और एक लम्बी प्रक्रिया के बाद उसे आधा-अधूरा अदायगी की जाती हैं।