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प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस केके त्रिवेदी की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता सागर निवासी अभय सिंह का पक्ष अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने रखा। उन्होंने दलील दी कि कृषि सहकारी समिति के शाखा प्रबंधक पुरुषोत्तम चौबे 64 साल के होने के बावजूद पद पर जमे हुए हैं। यही नहीं उन्होंने भाई-भतीजावाद भी चलाया है। उनके कार्यकाल में समर्थन मूल्य अनाज खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कृषि ऋण माफी योजनाओं की आड़ में 4 करोड़ से अधिक के घोटाले किए गए। जांच में आरोप सही पाए गए। यही नहीं ऑडिट रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिसमें गड़बड़ी उजागर हुई। इसके बावजूद रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी ने महज 3 हजार का जुर्माना लगाकर कर्त्तव्य की इतिश्री कर ली।