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पिछले साल 390 ट्रेप (रंगे हाथों रिश्वत लेने के) केस बने थे, जबकि इस साल ये संख्या 400 पहुंच चुकी है। बरामद राशि भी 38 लाख से बढ़कर 50 लाख पहुंच चुकी है। अधिकारियों का मानना है कि जिस तरह एक दिन में एक से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए प्रकरणों की संख्या 425 के आसपास पहुंच जाएगी। छापे की संख्या जरूर बीते साल के 38 से घटकर 23 रह गई है। इसमें करीब 37 करोड़ की संपत्ति प्रथम दृष्टया अनुपातहीन उजागर हुई है। इस बार पद के दुरुपयोग के मामले तेजी से बढ़े हैें। संगठन ने 179 नए प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।