भोपाल। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष अरूण यादव ने कहा है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के राज में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर अनावश्यक मुनाफाखोरी बढ़ाने की गरज से अनाप-शनाप टैक्स बढ़ा दिये गये हैं। जिससे आम आदमी की कमर टूट रही है। अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरकर लगभग 36 डाॅलर प्रति बैरल हो गई है जो कि पिछले ग्यारह वर्ष पहले की कीमतों के बराबर है।
श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से यह वादा किया था कि वे अंर्तराष्ट्रीय कीमत के गुणात्मक आधार पर भारत में पेट्रोल-डीजल उपभोक्ताओं तक उपलब्ध करायेंगे, तब कच्चे तेल की कीमत 108.05 डाॅलर प्रति बैरल थी। आज यह कीमत घटकर अंर्तराष्ट्रीय बाजार में 36 डाॅलर प्रति बैरल रह गई है। पेट्रोल की रिाफाईनरी कीमत तो मात्र 23.70 रू. प्रति लीटर है व मोदी सरकार का पेट्रोल की ब्रिकी से होने वाला लाभांश 36.71 रू. प्रति लीटर है। इसी प्रकार से कच्चे तेल से बनने वाले डीजल की रिफाईनरी कीमत मात्र 24.67 रू. प्रति लीटर है और बाजार भाव 46.55 रू. प्रति लीटर अर्थात डीजल की रिफाईनरी कीमत तो मात्र 24.67 रू. प्रति लीटर है और मोदी सरकार की डीजल की ब्रिकी से होने वाला मुनाफा 21.88 रू. प्रति लीटर है।
गौरतलब तथ्य यह है कि देश की तेल कंपनियां पहले एक बैरल तेल के 6331 रू. लागत कर देती थीं, परन्तु अब यह अंर्तराष्ट्रीय बाजार के कीमतों के चलते कम होकर मात्र 2726 रू. प्रति बैरल रह गया है। जिसका सारा मुनाफा केंद्र की मोदी सरकार की जेब में जा रहा है, आम आदमी को इससे कहीं कोई राहत नहीं मिल रही है। पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती करने के नाम पर ऊंट के मंुह में जीरा देने की बात कर मात्र 49 पैसे पेट्रोल पर एवं डीजल पर 50 पैसे की बढ़ोतरी की थी, तब वहीं आज केंद्र सरकार ने एक्साईज ड्यूटी लगाकर कीमत दोगुनी कर दी थी। इस वृद्धि से सरकार को करीब 2500 करोड़ रूपये का राजस्व मिलेगा।
श्री यादव ने कहा कि अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की अप्रत्याशित कमी के मुनाफे से देश जनता को गुमराह किया जा रहा है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी होते ही खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में कमी अपने आप कम हो जायेगी। इससे जहां एक ओर रेल का किराया कम हो जायेगा, वहीं बस तथा यातायात के अन्य संसाधनों के किरायें में भी कमी आयेगी। उन्होंने कंेद्र सरकार ने मांग करते हुए कहा कि खाने-पीने की आम उपयोगी वस्तुओं जैसे दाल, सब्जी, आटा, मीठा तेल इत्यादि के दामों में कमी की जाये, जिससे कि गरीब के घर का चूल्हा भी आसानी से जल सके। श्री यादव ने कहा कि यदि मोदी सरकार अंर्तराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखकर पेट्रोल-डीजल के गुणात्मक कमी के आधार पर मूल्य निर्धारित करती है तो आम आदमी अपने को ठगा हुआ महसूस नहीं करेगा।