भोपाल: महंगाई भले ही आसमान छू रही हो और शहरी व ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य आते रहे हों, मगर मध्य प्रदेश में गांव के कोटवार को 66 रुपये 66 पैसे प्रतिदिन की दर से पारिश्रमिक दिया जाता है। यह जानकारी बुधवार को राज्य के राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने एक सवाल के जवाब में विधानसभा में दी है।
विधानसभा में मंत्री ने दी जानकारी
विधानसभा में विधायक सुरेंद्र सिंह बघेल ने एक सवाल के जरिए पूछा कि राज्य में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों को किस दर से भुगतान किया जाता है और कोटवारों को कितना मानदेय दिया जाता है। जवाब में राजस्व मंत्री रामपाल ने बताया कि राज्य में मनरेगा में 159 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी दी जाती है, वहीं कोटवार को दो हजार रुपये मासिक (66 रुपये 66 पैसे प्रतिदिन) पारिश्रमिक दिया जाता है।
इसे सम्मान निधि कह सकते हैं
इस पर कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने सवाल उठाया तो मंत्री ने कहा, 'यह वेतन नहीं है, इसे सम्मान निधि भी कहा जा सकता है।' उन्होंने आगे कहा, 'कोटवार गांव स्तर पर मुख्यमंत्री चौहान के खुफिया तंत्र (सीआईडी) का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कोटवारों की पंचायत आयोजित कर 18 घोषणाएं की थी, जिन्हें पूरा किया जा चुका है।'