ग्वालियर। तीन बोतल रम पुलिस वालों को नहीं दी तो उन्होंने सेना के जवान को पकड़कर कच्ची शराब रखकर आबकारी का झूठा मामला दर्ज कर लिया है। 4 साल बाद सेना के जवान ने कोर्ट में अपील की और मामला झूठा पाए जाने पर तीन पुलिसकर्मियों पर लूट का मामला दर्ज किया गया। 6 साल में वारंट पर वारंट जारी होते रहे, लेकिन पुलिस अपने ही विभाग के तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। यह शिकायत आर्मी जवान लक्ष्मीनारायण गुर्जर ने पुलिस जनसुनवाई में एसपी ऑफिस पहुंचकर की है।
रिठौराकलां (मुरैना) थानाक्षेत्र के गांव खरिका निवासी लक्ष्मीनारायण पुत्र हीरालाल गुर्जर आर्मी में जवान हैं। अभी वह अखनूर सेक्टर जम्मू कश्मीर में पदस्थ हैं। 8 जून 2005 में वह छुट्टी पर घर आए थे। उसी दिन वह मुरार केंट की कैंटीन से 5 बोतल रम व कुछ गृहस्थी का सामान लेकर घर जा रहे थे। उनका दोस्त जितेन्द्र भी साथ था। अभी वह सैंथरी तालाब के पास पहुंचे ही थे कि महाराजपुरा थाने में उस समय पदस्थ एएसआई ओपी यादव, एएसआई राजाराम व हवलदार रामनिवास शर्मा ने उन्हें रोक लिया। इन्होंने पहले रम की तीन बोतल मांगी, लेकिन जब जवान ने देने से मना किया तो इन्होंने उसके साथी के साथ उसे पकड़ लिया। थाले ले जाकर उन्होंने 5 बोतल छुड़ा ली और कच्ची शराब रखकर झूठा आबकारी का मामला दर्ज कर लिया। इस मामले में पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली और कार्रवाई को चुनौती दी। वर्ष 2009 में कोर्ट ने उसके खिलाफ मामले को झूठा बताते हुए तीनों पुलिसकर्मियों पर लूट का मामला दर्ज करने के आदेश दिए। जिस पर पुलिस ने मामला तो दर्ज किया, लेकिन 6 साल हो गए तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट से वारंट पर वारंट जारी होते रहे, लेकिन पुलिस महकमा अपने ही साथियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। 6 साल में एक पुलिसकर्मी राजाराम की मौत भी हो चुकी है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस विभाग ने मदद का आश्वासन दिया है।