भोपाल। बीजेपी के 43 जिलाध्यक्षों के चयन में पार्टी ने सत्ता-संगठन को साधने की कोशिश की है, पर इसमें क्षेत्रीय विधायकों के बजाए संगठन मंत्रियों का वर्चस्व स्पष्ट है। सात जिलों में पार्टी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया, जबकि सागर में राजा दुबे सहित करीब 10 जिले ऐसे हैं जहां पार्टी के निर्णय ने क्षेत्रीय नेता-कार्यकर्ताओं को चौंका दिया। हालांकि भोपाल नगर सहित 13 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा होना शेष है। सिवनी ही है, जहां एकमात्र महिला (नीता पटैरिया) को जवाबदारी सौंपी गई है।
बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में पार्टी का निर्णय चौंकाने वाला है, वहीं छतरपुर की कमान पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह को सौंपी गई है जबकि उनकी पत्नी अर्चना सिंह छतरपुर की नगर पालिका अध्यक्ष हैं। टीकमगढ़ और पन्ना में मौजूदा अध्यक्षों पर ही भरोसा जताया गया है। पुष्पेन्द्र पर संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरूआ का वरदहस्त माना जाता है। वहीं विदिशा में पार्टी ने अपने विधायक सूर्यप्रकाश मीणा को जवाबदारी सौंपी है। मीणा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री अरविंद मेनन का नजदीकी माना जाता है। दमोह में वित्तमंत्री जयंत मलैया के सुझाव पर अमल किया गया। संगठन मंत्री राकेश डागौर के सहपाठी रहे उज्जैन के इकबाल सिंह गांधी को एवं देवास के चयन में पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी की पसंद को तवज्जो दी गई। ग्वालियर में देवेश शर्मा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पसंद माने जाते हैं उनके लिए संगठन मंत्री प्रदीप जोशी भी सक्रिय थे।
प्रदेश के बड़े शहरों की कमान सौंपने के लिए पार्टी ने दिग्गज नेताओं की पसंद का ख्याल रखा, लेकिन ज्यादातर जिलों में संगठन मंत्रियों की पसंद को ही तरजीह दी गई। इंदौर नगर में कैलाश शर्मा को दुबारा मौका देकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन एवं महापौर मालिनी गौड़ एवं इंदौर ग्रामीण की कमान अशोक सोमानी को सौंपकर राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय की पसंद का ध्यान रखा गया। सोमानी के लिए विधायक रमेश मेंदोला और पूर्व विधायक जीतू जिराती काफी दिनों से प्रयासरत थे।
जबलपुर में जीएस ठाकुर के चयन में महामंत्री विनोद गोटिया की नजदीकी काम आई। सीधी में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह और सिंगरौली में संगठन मंत्री चंद्रशेखर झा के मशविरा को महत्व दिया। खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की पसंद का ख्याल रखते हुए रीवा में विद्या प्रकाश श्रीवास्तव को कमान सौंपी गई है। श्रीवास्तव पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं। सिंगरौली में कांतदेव सिंह को अध्यक्ष बनाकर पार्टी अब वहां के दावेदार गिरीश द्विवेदी को संभवत: लाल बत्ती देकर एडजेस्ट कर सकती है।