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सीएम हाउस में हुई इस मुलाकात में कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने कोई भी गैर-कानूनी काम नहीं किया है। आठ लाख रुपए की लकड़ी कृष्णा सॉ-मिल से खरीदकर हैदराबाद भेजी थी। इसके सभी सबूत उनके पास हैं। उन्होंने लकड़ी खरीदी की रसीद सहित अन्य अनुमति पत्र भी दिखाए। मुख्यमंत्री ने उन्हें जांच में सही दस्तावेज प्रस्तुत करने के साथ सहयोग करने के लिए कहा। ज्ञात हो कि गोपाल शनिवार को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा से मिलकर अपना पक्ष रख चुके हैं।
बालाघाट कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री को सभी तथ्य बता दिए हैं, जो भी लकड़ी खरीदी गई वो वैधानिक तरीके से ली गई थी। इसका पूरा रिकॉर्ड है। लकड़ी भेजने के लिए जो अनुमतियां लेनी होती हैं वो भी प्राप्त की गई थी। अवैध रूप से लकड़ी भेजने के आरोपों पर कहा कि पूरी सच्चाई पुलिस को बताई जा चुकी है। एक-एक दस्तावेज शासन को दूंगा। पुलिस को पहले ही दस्तावेज मुहैया करा चुका हूं।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वी किरण गोपाल को जांच एजेंसी के सामने पूरे वास्तविक तथ्य रखने के लिए कहा है। ज्ञात हो कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने अवैध रूप से लकड़ी भेजने सहित कई आरोप कलेक्टर पर लगाए हैं, जिसकी जांच पुलिस कर रही है।