भोपाल। वेतन में 14 फीसदी इजाफे की सिफारिश से नाराज केंद्रीय कर्मचारियों के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। नई दिल्ली में केबिनेट सचिव पीके सिन्हा को नया मांग पत्र सौंपकर इन कर्मचारियों ने हड़ताल करने के इरादे जाहिर कर दिए हैं। केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन का तर्क है कि सरकार ने उन्हें 49 साल पहले की हालत में पहुंचा दिया। संगठन ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि न्यूनतम वेतन समेत तमाम मांगें नहीं मानी गईं तो सरकार राष्ट्रव्यापी हड़ताल के लिए तैयार रहे।
नेशनल जेसीए ने नया मांग पत्र 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का खुलासा होने के बाद तैयार किया है। संगठन के प्रतिनिधियों ने पिछले हफ्ते केबिनेट सचिव को यही मांग पत्र थमाया। मांग पत्र में जिक्र है कि सरकार यह याद रखे कि दूसरे वेतन आयोग ने भी 14.2 फीसदी इजाफा किया था। तब केंद्रीय कर्मचारियों ने देशभर में पांच दिन हड़ताल कर काम काज ठप कर दिया था। संगठन के स्टेट को-ऑर्डिनेटर यशवंत पुरोहित का कहना है कि पहले के सभी आयोगों ने वेतन में इजाफा किया। सातवें आयोग ने इसे कम कर दिया। हम इसका विरोध कर रहे हैं।
केलकुलेशन में एक्रायड फार्मूले को ही नहीं माना
नेशनल जेसीए का तर्क है कि 7वें वेतन आयोग ने वेतन निर्धारण ही सही नहीं किया। इसके लिए डा एक्रायड के फार्मूला को ही नहीं माना। हमारी मांग है कि 1 जुलाई 2015 को उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों के आधार पर न्यूनतम मजदूरी की पुनर्गणना की जाए। आवासीय, सामाजिक दायित्वों और बच्चों की शिक्षा जैसे पहलुओं को एक्रायड फार्मूले के तहत फीसदी के आधार पर तय किया जाए। छह महीने पहले आयोग के साथ हुई बैठक में हमने आपत्ति जाहिर कर दी थी।
- किस आयोग ने कितने %इजाफा किया
- दूसरा 14.2%- 76 से 85
- तीसरा 20.6%- 163 से 196
- चौथा 27.6%- 595 से 750
- पांचवां 31.0%- 1946 से 2550
- छठवां 54.0%- 4545 से 7000