पानीपत। दिल्ली में विधायकों का वेतन 400% तक बढ़ चुका है और सांसदों का वेतन दोगुना करने की तैयारी है इस बीच हरियाणा सरकार ने भी अपने पूर्व विधायकों के डीए में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है, जो एक जुलाई से लागू होगी। अब उनका महंगाई भत्ता 223 प्रतिशत से बढ़कर 234 हो गया है। उधर, मौजूदा विधायक भी अपने वेतन में बढ़ोतरी की आवाज उठाने लगे हैं।
पूर्व विधायकों की मूल पेंशन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते मिला दिए जाएं तो कई की पेंशन आईएएस अफसर की सेलरी से भी ज्यादा है। हमारी विधानसभा के 50 से अधिक ऐसे पूर्व विधायक हैं जिनकी मासिक पेंशन आईएएस अफसर, मंत्री और यहां तक कि मुख्यमंत्री के वेतन से भी ज्यादा है। इनमें सबसे पहला नाम रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक रहे कैप्टन अजय यादव का आता है। 6 बार विधायक बने कैप्टन को करीब 2 लाख 22 हजार रुपए से ज्यादा पेंशन मिल रही है। पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला, पूर्व मंत्री प्रोफेसर संपत सिंह सहित कई ऐसे पूर्व मंत्री, विधायक हैं जो दो लाख से ऊपर पेंशन ले रहे हैं। प्रदेश में 290 पूर्व विधायकों को पेंशन मिल रही है। सिर्फ एक बार विधायक बनने वाले को 45 हजार तक पेंशन मिल रही है।
ऐसे बनती है पूर्व विधायकों की पेंशन
प्रदेश सरकार पहली बार विधायक बनने पर हर सदस्य को दस हजार रुपये मूल पेंशन देती है। इसमें पांच हजार रुपए मासिक डीपी (डियरनेस पे), 1500 रुपये प्रतिवर्ष इनसेंटिव और आज के समय में 234 प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ा जाता है। इसके बाद विधायक जैसे-जैसे अगला टर्म जीतता जाता है तो हर टर्म में मूल पेंशन, डियरनेस पे, इंसेंटिव जुड़ता जाता है। महंगाई भत्ता उस समय के हिसाब से जोड़ा जाता है।
एक टर्म पूरा करने पर 45000 से ज्यादा
आज अगर कोई विधायक अपने पांच साल पूरे करता है तो उसे 10000 हजार रुपए मूल पेंशन दी जाती है। इसमें 5000 रुपए डीपी जोड़ा जाता है। 1500 रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से इनसेंटिव दिया जाता है। यानी पांच वर्ष के 7500 रुपए हुए। मूल पेंशन पर 234 प्रतिशत महंगाई भत्ता जोड़ा जाएगा अर्थात 23400 रुपए महंगाई भत्ता हुआ। इस हिसाब से एक टर्म पूरा करने वाले विधायक की पेंशन 45,900 रुपए हो जाती।