बालाघाट। बालाघाट और राजनांदगांव जिले में पिछले कई वर्षो से वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मिली भगत से करोड़ो रू. की ईमारती लकड़ी का व्यापार अवैध टीपी के माध्यम से उजागर होने के साथ ही अब यह मामला हाई प्रोफाईल होता दिख रहा है। पुलिस की जाॅच में वनविभाग के कर्मचारी, रेंजरों के अलावा वनविभाग के डीएफओ और अन्य अधिकारियों की संलिप्ता अब सामने आते जा रही है इतना ही नही इस मामले में जिले के कलेक्टर पर लाखों रू. की सागौन लकड़ी की अफरा तफरी के आरोप लगने से मामला गर्मा गया है।
बालाघाट कलेक्टर वी.किरण गोपाल पर 16 लाख रू. की अवैध सागौन की लकड़ी अपने गृह ग्राम हैदराबाद अवैध टीपी के माध्यम से ले जाने के आरोप बसपा के नेता और पुर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाते हुये पूरे मामले की जाॅच के लिये पुलिस अधीक्षक बालाघाट से जाॅच के लिये आवेदन किया है। इनता ही नही पूरे मामले में कलेक्टर बालाघाट को कटघरे में खड़े करते हुये बसपा नेता ने निष्पक्ष जाॅच की माॅग की है।
फर्जी टीपी से अवैध सागौन के व्यापार में पहले आरोपो में घिरे वनकर्मियों के बाद जैसे ही जिले के कलेक्टर का नाम चर्चा में आया सब तरफ मानो सनसन फैल गई चॅूकि पहली बार किसी IAS अधिकारी पर गढ़बड़ी करने की उंगली उठी तो ऐसे में पूरे मामले में जिले के कलेक्टर से उनका पक्ष जाना उनका कहना है कि एैसी किसी भी तरह की कोई कार्यवाही उनके द्वारा नही की गई है और जो भी आरोप लगाये जा रहे है वे सभी निराधार है।
साथ उनका इस मामले से उनका कोई लेना देना नही है। वैसे तो इस मामले की जाॅच पुलिस प्रषासन द्वारा एसआईटी के माध्यम से की जा रही है लेकिन कलेक्टर के खिलाफ की गई षिकायत की जाॅच का क्या रूख सामने आयेगा यह तो आने वाले समय में देखने मिलेगा लेकिन आला अफसरों के संलिप्ता के आरोप लगते ही पुरे मामले ने सनसनी फैला दी है।