भोपाल। 'मैडम वे रात को तीन बजे शराब के नशे में मुझे घुमाने ले जाते हैं। जबरन शराब पिलाते हैं। अश्लील फिल्म दिखाते हैं। रात भर सामने बैठकर घूरते रहते हैं। एक मिनट के लिए भी सोने नहीं देते। मायके जाने का कहने पर जहर खाकर आत्महत्या करने की बात करते हुए रोने लगते हैं, लेकिन सुबह उठते ही जानवर बन जाते हैं। घर से 25 लाख रुपए की मांग करने लगते हैं। नहीं लाने पर मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देते हैं।'
एक महिला पुलिसकर्मी ने पति से बचाने के लिए महिला पुलिस थाने में यह मदद की गुहार लगाई है। पीड़िता के आरोप हैं कि पति के रिश्तेदार एक एडीजी के यहां स्टेनो हैं, इसलिए कोलार पुलिस ने भी उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया। शिकायती आवेदन के मुताबिक 31 वर्षीय पीड़िता ने परिजनों की मदद से एक साल पहले एक निजी बैंक अधिकारी से शादी की थी।
शादी के बाद उसने पति के अमानवीय व्यवहार की शिकायत कोलार पुलिस से की थी। कोलार पुलिस ने मामले को पुलिस अहस्ताक्षेप अपराध बताते हुए भगा दिया। परेशान होकर उन्होंने मंगलवार को महिला पुलिस में इसकी लिखित शिकायत की। महिला पुलिस थाने ने भी मामला दर्ज करने की जगह उल्टा ससुराल पक्ष की बात मानते हुए मामले को काउंसलिंग के लिए रख लिया।
महिला ने आरोप लगाए कि पुलिस इस मामले में सिर्फ इसलिए ढुलमुल रवैया अपना रही है क्योंकि उनका चाचा पीएचक्यू में एक एडीजी के यहां स्टोनो हैं। उनके ही कारण पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही। इससे पहले पीड़िता एडीजी अरुण मोहन राव से भी शिकायत कर चुकी है।
कर चुकी है आत्महत्या का प्रयास
महिला ने बताया कि उसने इसी से तंग आकर एक बार आत्महत्या करने का प्रयास किया था। माता-पिता ने कमला नगर इलाके में एक अस्पताल में उसका इलाज भी कराया था।