भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की व्यस्तताओं के चलते 24 दिसंबर को प्रस्तावित 'अध्यापक महापंचायत' स्थगित कर दी गई। आक्रोश को शांत करने के लिए गुरुवार को आर्थिक लाभ के आदेश जारी होने का भरोसा दिलाया था लेकिन वो भी नहीं हुआ. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसे कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
अध्यापकों ने नियमित कर्मचारियों के समान छठां वेतनमान वर्ष 2015 में एकमुश्त देने की मांग की थी, ताकि वर्ष 2016 में मिलने वाले सातवें वेतनमान का लाभ उन्हें मिल सके। इसे लेकर 25 सितंबर को राजधानी में तिरंगा रैली निकाली गई। इसके बाद से अध्यापकों की मांगों पर चर्चा का दौर जारी है। सरकार ने शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को तो सिरे से नकार दिया था, लेकिन छठां वेतनमान देने की संभावना जताई थी। गुरुवार को सीएम हाउस में प्रस्तावित महापंचायत में इसी आर्थिक लाभ की घोषणा होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री श्री चौहान के पिता का स्वास्थ्य खराब होने के कारण महापंचायत स्थगित कर दी गई।
मप्र कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष शर्मा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया था कि मुख्यमंत्री चौहान ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पिछले दिनों कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों से हुई चर्चा अनुसार आर्थिक लाभ के आदेश 24 दिसंबर की स्थिति में जारी कर दिए जाएं। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसा कोई निर्देश मिलने से इंकार कर रहे हैं। विभाग के एक आला अधिकारी ने तो यहां तक बताया कि अध्यापकों के आंदोलन के बाद से इस संबंध में चर्चा तक नहीं हुई है। फिर कैसे आदेश।