बिलासपुर. रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार ने माना है कि केंद्र में मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें बिल्डिंग से फेंकने की बात कही थी। मामला रेलवे द्वारा ओवरब्रिज को मंजूरी देने से जुड़ा था।
गडकरी ने क्या कहा था?
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने शनिवार को भारतीय रोड कांग्रेस के एक प्रोग्राम में कहा था कि रेलवे ओवरब्रिज को लेकर बहुत अड़ंगा लगता है। उन्होंने कहा था, ” एक बार मैंने रेलवे चेयरमैन को यहां तक कह दिया था कि अब मैं मंत्री बन गया हूं। मुझे परमिशन नहीं दी तो मैं तुम्हे तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दूंगा।”
पूर्व रेलवे बोर्ड ने क्या कहा?
– पूर्व चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार ने कहा कि ब्रिजों को मंजूरी मिलने में सच में काफी समय लग रहा था और मंत्री इसे लेकर खासे नाराज थे। कारण यह था कि परमिशन देने की प्रोसेसे बेहद पुरानी और मुश्किल थी।
– अरुणेंद्र ने कहा कि मंत्री खासे नाराज थे और ऐसा सिस्टम तैयार करने को कहा था कि पुलों की मंजूरी के लिए फाइल एक से दूसरे विभाग तक न घूमती रहे।
अब क्या बना सिस्टम?
– सड़क, ट्रैफिक व रेलवे मिनिस्ट्री ने मिलकर काम किया और नवंबर 2014 में आॅनलाइन मंजूरी के लिए सिस्टम तैयार कर लिया। असर यह रहा कि 96 अंडरब्रिजों की दो साल से पेंडिंग फाइलाें का निपटारा महीनेभर में हो गया।
– पता चल जाता है कि फाइल कहां है और क्यों देर हो रही है। बड़े से बड़े ब्रिज को तीन महीनों में मंजूरी मिल रही है। इससे पहले फाइलें दो-दो साल तक अटकी रहती थीं।