नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रदर्शन की अगुवाई करने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को अपनी पार्टी के सांसदों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी नहीं करें। पीएम उस समय लोकसभा में मौजूद थे।
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी वेल में थे तभी उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान विपक्ष खेमे में आगे की सीट में बैठी सोनिया ने अपने सांसद को रोका। सोनिया ने उनसे कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी करना चाहिए, प्रधानमंत्री का नाम नहीं लेना चाहिए। इसके बाद पीएम जब तक सदन में रहे, उनके खिलाफ नारेबाजी नहीं हुई। दोपहर में वे दो दिन की रूस यात्रा के लिए रवाना हो गए।
लोकसभा में है कांग्रेस के केवल 45 सांसद
पीएम मोदी और सोनिया गांधी दोनों लोकसभा के सदस्य में है। लोकसभा में जहां भाजपा नीत एनडीए के सांसदों की संख्या अच्छी खासी है। कांग्रेस के केवल 45 सांसद हैं, शीतकालीन सत्र में इनका ज्यादातर समय पीएम और उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने में गुजरा है। संख्या बल की इस कमी के कारण लोकसभा विरोध प्रदर्शन के बावजूद काम करती रही लेकिन हंगामे और प्रदर्शन से राज्यसभा की कार्यवाही काफी बाधित हुई। उच्च सदन में जहां मुख्य विपक्षी पार्टी की अच्छी खासी संख्या है जबकि सरकार अल्पमत में है।
राज्यसभा में केवल 57 घंटे काम हो सका
एक माह लंबे संसद सत्र में उच्च सदन यानी राज्यसभा में केवल 57 घंटे काम हो सका जबकि 55 घंटे हंगामे की भेंट चढ़ गए। दूसरी ओर, लोकसभा ने 11 बिल पास किए जबकि राज्यसभा में पास किए जाने वाले बिलों की संख्या केवल तीन रही।