
सूत्रों का कहना है कि पावर लूम कंपनी ने कई जिलों में 127 रुपए प्रति पैकेट की दर पर खरीदी की। यह जानकारी जब बाहर आई तो अधिकारियों ने पहले तो इस पर पर्दा डालने का प्रयास किया, लेकिन अब मामला गले की हड्डी बन गया है, जिसकी वजह से एक आदेश जारी किया गया कि सभी संयुक्त संचालक इस मामले में जांच करा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
राजधानी में भी संयुक्त संचालक ने तीन सदस्यीय जांच दल का गठन कर संभाग के सभी जिलों में हुई खरीदी की जांच करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में सीएमएचओ ने खरीदी नियमों की अनदेखी भी की। कहीं तो निविदाएं भी जारी नहीं हुई और कोटेशन के आधार पर करोड़ों रुपए की खरीदी कर ली गई। सच्चाई जांच रिपोर्ट आने के बाद उजागर होगी और इसमें दस करोड़ से अधिक के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।