भोपाल। बीमा उत्पादों की मिस सेलिंग यानी ठगी और धोखाधड़ी की बढ़ रही शिकायतों के लिए बीमा कंपनियां भी जवाबदेह हैं। इसके लिए कंपनियों को अपने एजेंटों और ब्रोकरों पर नजर रखनी चाहिए। यह जिम्मेदारी हर बीमा कंपनी की है कि उपभोक्ता का प्रपोजल फॉर्म सही तरीके से भरा गया है कि नहीं, उपभोक्ता को पॉलिसी के बारे में सही जानकारी दी गई है कि नहीं।
यह बात सोमवार को मुंबई से आई बीमा लोकपाल की गवर्निंग बॉडी ऑफ इंश्योरेंस काउंसिल (जीबीआईसी) की जनरल सेक्रेटरी रमा भसीन ने कही। वे यहां बीमा लोकपाल योजना पर होटल आमेर ग्रीन में आयोजित सेमिनार में बोल रही थी।
मप्र व छग के बीमा लोकपाल राजकुमार श्रीवास्तव के अनुसार ने पिछले कुछ वर्षों में बीमा संबंधी शिकायतों को लेकर उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अन्य राज्यों की अपेक्षा शिकायतें कम आ रही हैं। क्षेत्र विशेष की शिकायतें अधिक संख्या में आने पर डोर टू डोर कैम्प लगाकर उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।
कोई शुल्क नहीं-
बीमा लोकपाल व्यवस्था के अंतर्गत जीवन बीमा की 24 कंपनियां तथा साधारण बीमा की 28 कंपनियां आती हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई शुल्क देय नहीं है।
यह है प्रक्रिया-
पहले बीमा कंपनी के कार्यालय अथवा शिकायत निवारण अधिकारी को लिखित शिकायत करें।
यदि एक माह के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता या जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो सीधे बीमा लोकपाल कार्यालय में शिकायत करें।
बीमा कम्पनी द्वारा निरस्तीकरण की सूचना के एक साल के भीतर शिकायत दर्ज कराना जरूरी है।
शिकायत किसी अन्य फोरम अथवा कोर्ट में लंबित नहीं होना चाहिए।
बीमा लोकपाल में ऐसी शिकायत दर्ज होती हैं, जिसकी बीमा राशि 20 लाख रुपए से कम हो।
तीन माह के अंदर शिकयतों का निपटारा।
यहां करें शिकायत-
बीमा लोकपाल कार्यालय,जनक विहार कॉम्पलेक्स,द्वितीय मंजिल, 6, मालवीय नगर, भोपाल (मप्र),
फोन नम्बर-0755 2769201, 2769202,