राजीव सोनी/भोपाल। व्यापमं घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा डेढ़ साल बाद रविवार सुबह जेल से जमानत पर छूट गए। वह बोले कि मुझ पर जो कलंक लगाया गया है उसे धोऊंगा, कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। साजिश के सवाल पर वह बोले- यह तो ईश्वर जाने, मैंने अब तक न मुंह खोला है और न ही कुछ बोलूंगा। नई जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है। समाज सेवा करता आया हूं, आगे भी करता रहूंगा। जेल की दिनचर्या पर बोले, मैं तो मंदिर मानकर साधना करता रहा और 18 महीने बीत गए।
पूर्व मंत्री शर्मा ने विशेष चर्चा में बड़े ही संयत एवं दार्शनिक अंदाज में बात की। डेढ़ साल तक जेल में रहने के बावजूद उनके हाव-भाव से निराशा, थकान अथवा मायूसी नहीं दिखी। बातों ही बातों में उन्होंने ये संकेत भी दे दिया कि वह राजनीति में रहकर समाजसेवा करते रहेंगे। कई बार कुरेदने पर भी किसी व्यक्ति विशेष के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की।
*डेढ़ साल तक जेल में रहना पड़ा, क्या कहना चाहेंगे?
-मुझ पर जो कलंक लगाया गया है उसे धोऊंगा, कोर्ट से मुझे न्याय और दोषियों को दंड मिलेगा।
*इन परिस्थितियों के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?
-मैंने अब तक न मुंह खोला है और न कुछ बोलूंगा, अदालत पर भरोसा है।
*क्या आपके खिलाफ कोई साजिश हुई?
- भगवान जाने, मुझे तो ऊपर वाले पर विश्वास है।
*बीजेपी ने आपसे दूरी बना ली, रिहाई पर भी कोई नहीं आया?
-पार्टी मेरे लिए मां समान है, मैंने ही बीजेपी से इस्तीफा दिया था। पार्टी में मेरी आस्था सदैव रहेगी।
*सैकड़ों वाहनों की रैली या कहें शक्ति प्रदर्शन के साथ सिरोंज जा रहे हैं, आगे क्या प्लान है?
-यह शक्ति प्रदर्शन नहीं है, मुझे जानकारी नहीं थी कि इतने लोग स्वस्फूर्त स्वागत करने आएंगे।
*भविष्य की योजना के बारे में...
-समाज की सेवा करता रहूंगा। जनता के लिए जिया हूं, मरना भी पड़ा तो सहर्ष तैयार रहूंगा।
*जमानत में देरी हुई, प्रकरण भी बढ़ गए, डेढ़ साल कैसे बीते?
-पंडित परिवार का बच्चा हूं, मैं तो ईश्वर आराधना और स्वाध्याय में ही लगा रहा।
*व्यापमं की जांच अब सीबीआई के पास है, अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में क्या कहेंगे?
-नई जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है, सभी आरोपों का जवाब कोर्ट में ही दूंगा।
लक्ष्मीकांत के बोल-वचन के क्या हैं मायने
*अब तक न मुंह खोला है और न बोलूंगा... सियासी रूप से इस बयान के अनेक मतलब निकाले जा रहे हैं। फिलहाल किसी को टारगेट नहीं किया लेकिन संकेतों में ही चेतावनी भी दे दी।
*नई जांच एजेंसी पर भरोसा... मतलब पुरानी जांच एजेंसी एसटीएफ की विश्वसनीयता पर उठाया सवाल। एसटीएफ ने ही उन्हें 16 जून 2014 को गिरफ्तार किया था।
* समाजसेवा करता रहूंगा, जनता के लिए जिऊंगा-मरूंगा... अर्थात राजनीति में बने रहेंगे, चुनावी राजनीति से भी परहेज नहीं जताया।