सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले के आदिवासी बाहुल्य बैहर और अन्य स्थानों से व्यापक रूप हुई ईमारती पेडों की अवैध कटाई की जानकारी मुझे मई 2015 मे ही प्राप्त हो चुकी थी जिस पर मैने तत्काल संज्ञान लेते हुये प्रथम दृश्टया जांच के आदेश दिये जिसमें अनुमति दिये जाने के मामले में अनियमितता की आशंका प्रतीत होने पर कमिश्नर जबलपुर को अवगत कराया और प्रकरणों के पुनरीक्षण की अनुमति मांगी जो मुझे अगस्त 2015 को प्राप्त हुई। वर्ष 2013.14.15 अब तक अवैध कटाई के लगभग 25 प्रकरणों का मेरे द्वारा पुनरीक्षण करवाया जा रहा है.
इस आशय की जानकारी देते हुये कलेक्टर व्ही. किरण गोपाल ने आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि अवैध कटाई के मामले मे उनकी किसी भी रूप में कोई संलिप्तता नही है. मुझ पर जो आरोप लगाये जा रहे हैं वे निराधार हैं। श्री गोपाल ने यह भी अवगत कराया कि उनके विरूद्ध पुलिस अधीक्षक बालाघाट को शिकायत मे जो आरोप लगाये गये है वे निराधार हैं.
उन्होने स्पष्ट किया कि बालाघाट से अपने गह नगर लकडी परिवहन किये जाने का जो आरोप लगाया गया है वह भी निराधार है मेरे पिताश्री द्वारा बनवाये जा रहे भवन के लिये जो लकडी ली गई है वहीं स्थानीय स्तर पर खरीदी गई है तथा उसका भुगतान मेरे द्वारा आनलाईन किया गया है।
कलेक्टर ने यह स्वीकार किया कि आदिवासी बाहूल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के साथ छलकपट करते हुये प्रलोभन देकर कतिपय लोगों द्वारा उनकी जमीनों में लगे ईमारती वृक्षों की अवैध कटाई का मामला गंभीर है उसमें कटाई करने और सहयोग करने वालों के विरूद्ध आदिवासियों के हितों के लिये बनाये गये अधिनियमों के तहत कार्यवाही की जायेगी। यदि इसमें किसी भी प्रषासनिक अधिकारी की लापरवाही और संलिप्तता पाई जाती है तो उसके विरूद्ध भी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
उन्होने यह भी स्पश्ट किया कि जांच दौरान आदिवासियों की सुनवाई की जायेगी और ध्यान रखा जायेगा कि इसमें किसी भी निर्दोश आदिवासी को अपराधी ना बनाया जाये इस संबंध मे उन्होने एस.पी. को अवगत करा दिया है। कलेक्टर ने यह भी बताया कि उन क्षेत्रों मे अवैध कटाई के मामले मे जप्त की गई 2 करोड मुल्य की लकडियों को राजसात किया जा चुका है। उन्होन बताया कि जिला प्रषासन और पुलिस के बीच परस्पर समन्वय बना हुआ है।