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मिड डे ऑनलाइन के मुताबिक कांग्रेस के मुखपत्र 'कांग्रेस दर्शन' ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए साफ तौर पर कहा है कि नेहरू को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व गृहमंत्री सरदार पटेल की बात माननी चाहिए थी। मुखपत्र ने लिखा कि 'विदेश विभाग पं नेहरू का कार्यक्षेत्र था, लेकिन कई बार उप प्रधानमंत्री होने के नाते कैबिनेट की विदेश विभाग समिति में उनका जाना होता था। उनकी दूरदर्शिता का लाभ यदि उस समय लिया जाता तो अनेक वर्तमान समस्याओं का जन्म न होता।'
मुखपत्र ने यह भी लिखा कि 1950 में ही सरदार पटेल ने एक पत्र लिखकर तिब्बत के प्रति चीन की नीति से नेहरू को अवगत कराया था। उन्होंने लिखा था कि चीन का रवैया कपटपूर्ण और विश्वासघाती है। अगर चीन तिब्बत पर कब्जा कर लेता है तो इससे नहीं समस्याओं का जन्म होगा।
मुखपत्र ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साथा। लेख के मुताबिक सोनिया का सपना था कि वो एयर होस्टेस बनें। लेख ने सोनिया के पिता को फासिस्ट सेना का सिपाही बताया जिसकी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मौत हो गई थी। लेख में सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने पर भी सवाल उठाया। मुखपत्र ने लिखा, 'सोनिया गांधी 1997 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य तौर पर शामिल हुई और महज 62 दिनों में कांग्रेस की अध्यक्ष बन गईं।'
इस विवादित लेख के छपने के बाद कांग्रेस ने इस पर कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम ने इस आलोचना की और मुखपत्र में दोबारा ऐसे लेख न छपे इसके लिए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।