स्कूलों में छात्रों की संख्या ही नहीं, कुछ और भी चाहिए

राकेश दुबे@ प्रतिदिन। सर्व शिक्षा अभियान’ की एक बड़ी ही महत्वाकांक्षी मुहिम छेड़ी गई थी। अपने संसाधनों की सहायता से साक्षरता के लिए नई पहल हुई। लेवी (सेस) लगाई गई और इस योजना के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए गए। स्कूलों की आधार-संरचना को उन्नत करने की कोशिश भी शुरू हुई। बच्चों की स्कूलों में दाखिला तो जरूर बढ़ा पर गुणात्मक रूप से समृद्ध शिक्षा का सपना दूर ही बना रहा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान भी शुरू हुआ ताकि माध्यमिक स्तर की शिक्षा सब तक पहुंचा कर सूचना प्रौद्योगिकी को भी स्कूल में लाने की कोशिश शुरू हुई। इस बीच संसद ने संविधान में संशोधन करते हुए शिक्षा को मूल अधिकार बनाया जो अभी तक सिर्फ एक देशात्मक नियम भर था। अगस्त 2009 में संसद में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम’ स्वीकार किया।

इस अधिनियम में प्रावधान हुआ कि अगले पांच वर्षो में यह कार्य रूप ले लेगा। वर्ष 2015 इस अधिनियम को लागू करने की तिथि है। प्रश्न है कि क्या सभी बच्चों के लिए शिक्षा के मूल अधिकार देने का सपना पूरा हुआ? इस प्रश्न का शायद हां या नहीं में कोई स्पष्ट उत्तर अभी नहीं दिया जा सकता, पर हमारे सामने कई सवाल मुंह बाए खड़े हैं। क्या सिर्फ कानून बना देना ही काफी है? क्या एक केंद्रीय कानून काम कर सकेगा? यह प्रश्न भी उठता है कि क्या यह कानून गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए पर्याप्त है। सवाल और भी हैं, बच्चे सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं हैं, क्यों माता-पिता बच्चों को निजी स्कूलों में रखना चाहते हैं, क्या मात्र शिक्षा की गुणवत्ता ही इसका कारण है, सरकारी स्कूलों का प्रबंधन कैसे दुरुस्त किया जाए। साथ ही शिक्षा के मामले में केंद्र-राज्य के रिश्ते और शिक्षा के अधिकार पर भी विचार बेहद आवश्यक है। भारत के संविधान ने सभी बच्चों को सीखने और विकसित होने के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाई थी, लेकिन विभिन्न समूहों के बीच अवसरों को लेकर बड़ी विषमता है। सामाजिक रूप से वंचित अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, मुस्लिम बच्चों, लड़कियों और वो बच्चे जो किन्हीं कारणों से अक्षम हैं, त्रासदी प्रभावित बच्चे और वो जो शहर की मलिन बस्तियों में रहते हैं, अभी भी बड़ी तादाद में शिक्षा से वंचित हैं। क्या इस सब पर विचार होगा ?

श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com 

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