प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अतिथि शिक्षको के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। जबकि अतिथि शिक्षक शिवराज सरकार का हर परिस्थिति मे ईमानदारी से साथ दे रहे है। दैनिक मजदूरी से कम मानदेय पर शिक्षण कार्य सम्पन्न करा रहे है। जिससे शिवराज सिंह चैहान की लोकप्रियता मे दिनप्रतिदिन बढोतरी हो रही है। इसके बाबजूद शिवराज सरकार अतिथि शिक्षको के फ्युचर से खिलबाड करके अपनी लोकप्रियता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे है।
बताते चले जिला की प्रत्येक शासकीय। प्राथमिक शाला,माध्यमिक शाला,हाईस्कूल,हायरसैकेण्डरी स्कूलो, मे अतिथि शिक्षक, शिक्षण कार्य सम्पन्न करा रहे है। जिसके एवज मे उन्हे मजदूरी से कम, मानदेय दिया जा रहा है। शिक्षण कार्य दिवस का मानदेय दिया जाता है। 100, सौ रुपया व 150, रुपया कार्य दिवस के मान से मानदेय दिया जाता है। जबकि शिक्षण कार्य के साथ साथ स्कूल का अभिलेख का कार्य भी करना पडता है। जैसे गणवेश सूची,साईकिल सूची,मासिक मूल्यांकन पंजी, रिजल्ट तैयार करना,छात्र/छात्राओ की प्रजेन्ट,का कार्य आदि कार्य करना पडता है। अतिथि शिक्षक लगातार बर्षो से यह कार्य करते आ रहे है। कि आज नही तो कल हमारे परिश्रम का प्रतिफल मिलेगा। लेकिन फल मिलता दिखाई नही देरहा है।
अगर फल देना ईश्वर के हाथ मे होता तो कभी का मिल गया होता,शायद शिवराज देना नही चाहते है। क्योकि वो नही चाहते इनका भबिष्य सम्भल जाये। तभी तो पिछले माह मानदेय बढाने की खबर आई थी। शिवराज सरकार ने अतिथि शिक्षको का मानदेय बढा दिया है। चूकि जिला मे पुराना ही मानदेय दिया जा रहा है। 100, सौ रुपया और 150, रुपया के मान से कार्य दिवस का मानदेय। दिया जा रहा है। तीज त्योहार रविवार,होली दशहरा, दीपावली,ईद,अवकाश का मानदेय नही दिया जाता है। अपने हाथ मे अतिथि शिक्षक लिये डिग्री बीएड, डीएड, की कम मानदेय पर शिक्षण कार्य सम्पन्न करा रहे है। कुछ ओवररेज होने की कगार पर आ गये। इनके वीवी बच्चे पेट मे गाॅठ बाॅधकर जीवन यापन करके गुजर बसर कर रहे है। इतनी भीषण मॅहगाई मे शिवराज सरकार को इनके बच्चो पर दया नही आई। जबकि हाईकोर्ट कई बार राज्य शासन को आदेश कर चुका है। कि अतिथि शिक्षको को संबिदा शिक्षक बनाकर लाभ दे।