आजाद अध्यापक संघ के कार्यक्रम में कलेक्टर-एसपी ने खोली पोल

भिंड। बच्चों का भविष्य उनको मिलने वाली प्राथमिक शिक्षा पर निर्भर करता है। हम अपने बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा किस प्रकार की देते हैं, उनके भावी भविष्य का निर्धारण भी इसी से होता है, लेकिन जिले में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था किस कदर बदहाल है कि ग्रामीण क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में कक्षा पांचवी के छात्र अपनी हिंदी की किताब शुद्ध नहीं पढ़ पड़ पाते हैं। यह बात रविवार को आजाद अध्यापक संघ द्वारा परशुराम छात्रावास परिसर में आयोजित शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार संकल्प कार्यक्रम में कलेक्टर ने कही। इस दौरान 300 अध्यापकों ने छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का संकल्प लिया। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सम्मेलन में अधिकारियों ने नकल रोकने पर भी जोर दिया। 

एसपी बोले, नकल पर लगाओ लगाम 
कार्यक्रम के दौरान एसपी नवनीत भसीन ने कहा कि भिंड जिला नकल के लिए पूरे प्रदेश में बदनाम है। नकल होने की मुख्य वजह यहां के सरकारी और प्राइवेट स्कूल में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है, शिक्षक नौकरी करने में लगे हुए हैं। वे बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं। इस कारण छात्रों को पास होने के लिए नकल का सहारा लेना पड़ता है। अगर स्कूलों में प्राथमिक और उच्च शिक्षा के स्तर में सुधार आए तो यह संभव है कि नकल पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है, लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि जिले में किसी भी तरह की परीक्षा हो, किसी भी केंद्र पर हो लेकिन नकल वहां पर जरूर होती है। विद्यार्थियों में यह धारणा बन गई है कि उन्हें पढ़ने की क्या जरूरत है वे तो नकल के सहारे ही पास हो जाएंगे। इस काम में उन विद्यार्थियों के अभिभावक भी उनकी मदद करते हैं, इसलिए जब तक नकल पर अंकुश नहीं लगाया जाता तब तक हम बेहतर रिजल्ट की उम्मीद नहीं कर सकते। वहीं आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष लहारिया ने कलेक्टर समक्ष तीन मांगे रखी, जिनको कलेक्टर ने वोर्ड परीक्षा के बाद पूरा करने का आश्वासन दिया है। 

अध्यापक-छात्र दोनों कर्मशील हों 
बीआरसी टीकमसिंह ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर को ऊंचा उठाने के लिए यह जरूरी हो गया है कि अध्यापक और छात्र को कर्मशील बनना होगा। इसमें अध्यापकों को जहां छात्रों की शिक्षा के प्रति समर्पित होना चाहिए वहीं छात्रों को भी इस तरह के समर्पित अध्यापक का सम्मान करना चाहिए। आज हमारे समाज की खासकर युवा पीढ़ी में नैतिकता का पतन हो रहा है इसलिए अध्यापक छात्रों को शिक्षण विधि के साथ विद्यार्थियों में नैतिकता और संस्कारयुक्त शिक्षा भी दें । 

भाजपा का हाल कांग्रेस जैसा होगा 
आजाद अध्यापक संघ के कार्यकर्ता सहदेव सिंह ने कहा कि शिक्षकों को छठवां वेतनमान मिला है। यह अभी छोटी जीत है, अभी काफी लड़ाई बाकी है। अगर प्रदेश सरकार ने हमारी सभी मांगे पूरी नहीं कीं तो उसका हाल वही होगा जो साल 2003 में कांग्रेस पार्टी का हुआ था। हाल ही में हुए निकाय चुनाव के परिणाम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पता चल चुका होगा। इस मौके पर डीपीसी डीपी शर्मा, राकेश शर्मा, देवेंद्र त्रिपाठी, राजेश थापक, शैलेंद्र सिंह सेंगर, पंकज सोनी, गगन शर्मा, राजीव शर्मा, संतोष यादव, भंवर सिंह नरवरिया, राकेश राजपूत आदि मौजूद रहे। 

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