सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले के बहुचर्चित फर्जी टीपी के जरिये वनोपज के परिवहन किये जाने के मामले में जांच कर रही पुलिस की एसआईटी ने 17 दिसंबर को एक डायवर तथा सालेटेकरी में पदस्थ वनपाल को गिरफ्तार किया है।
अब तक विगत 2 माह के अंतराल में इस मामले के प्रकाश में आने के बाद 16 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके है जिसमें 8 वनकर्मी शामिल हैं। पुलिस इस मामले में संलिप्त 2 रेंजरों की तलाश में जुटी है जो फरार हो गये है।
पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया की कल पकडे गये निजि कार डायवर सुनील जो राकेश डहरवाल के इशारे पर नाम बदलकर अनिल के नाम से टीपी में हस्ताक्षर करता था। एसआइटी की जांच में सालेटेकरी के नाके में मिले रजिस्टर की जांच करने पर पाया गया है कि सुनील नामक यह व्यक्ति अन्य अनिल नाम लिखकर फर्जीवाडे में शामिल था।
सालेटेकरी नाके में पदस्थ वनपाल मनोहर पिता जगन्नाथ पारासर 58 वर्ष वनमाफिया से सांठगांठ के चलते बिना भौतिक सत्यापन, किये बिना हेम्बर के ट्रक में लदी लकडी नाके से पार करवाता था इसकी आड में लाखों रूपयों की लकडी इस नाके से रायुपर और इंदौर टकों के जरिये पार करवा दी यह सिलसिला लम्बे अरसे से चल रहा था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया की सुनील के विरूद्ध अपनी पहचान छुपाकर नाम बदलकर धोखाधडी करने के मामले में अपराध की धारा 419 के तहत मामला दर्ज किया जायेगा।