BU: पीएचडी का सत्र जीरो, एमफिल भी अटकी

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने पीएचडी का सत्र जीरो घोषित कर दिया है। सत्र जीरो घोषित होने के कारण नए गाइड को रिसर्च कराने का मौका नहीं मिल पाएगा। पीएचडी सीटों के अभाव में बीयू इस साल पीएचडी की चयन परीक्षा नहीं कराएगा। बीयू ने मौजूद सीटों के आंकड़े एकत्रित नहीं किए हैं। ये परीक्षा गत वर्ष आयोजित हो चुकी थी।

सीटों के अभाव का बहाना लेकर बीयू दो साल में एक बार परीक्षा कराने की नई परंपरा तैयार कर रहा है, इसलिए अधिकारियों ने तय कर लिया था कि वे इस साल पीएचडी चयन परीक्षा नहीं कराएंगे जबकि शोधार्थी वायवाय के लिए तैयार हैं पर उनकी आरडीसी नहीं कराई जा रही है। आरडीसी के अभाव में रिक्त सीटों के आंकड़ें भी तैयार नहीं हो रहे हैं। यहां तक कि नए गाइड के आवेदन पर निर्णय भी नहीं हो पा रहा है। पिछले तीन साल में सौ से ज्यादा आवेदन गाइड बनने के लिए बीयू के पास जमा हो चुके हैं।

अगले सत्र में सीटों की करेंगे पूर्ति
सीटें रिक्त नहीं होने के कारण पीएचडी का सत्र जीरो ईयर घोषित किया गया है। रिक्त सीटों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। आगामी सत्र में चयन परीक्षा आयोजित कराकर सीटों की पूर्ति की जाएगी।
डॉ. मुरलीधर तिवारी कुलपति, बीयू

एमफिल भी अटकी
पीएचडी के साथ एमफिल की चयन परीक्षा भी अटक कर रह गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के तहत पीएचडी और एमफिल के नये मापदंड तैयार किए थे। इसमें बीयू को प्रवेश परीक्षा के साथ कोर्सवर्क तक की परीक्षा है। उक्त परीक्षाएं जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से आयोजित कराना है। इसलिए बीयू अधिकारी पीएचडी चयन परीक्षा दो साल में एक बार कराकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। बीयू के किसी भी अधिकारी को नहीं कि आठ शहरों में कितने विषय में कितने सीटें रिक्त और वर्तमान में कितने गाइड मौजूद हैं।

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