इंदौर। रिश्वत कांड में जिला शिक्षा अधिकारी किशोर शिंदे फंसा, लेकिन सुभाष गोयल की तरह लगभग 60 शिक्षकों को बिना बात की सजा मिल रही है। दरअसल रिश्वत कांड में फंसने के बाद शासन ने जिला शिक्षा अधिकारी किशोर शिंदे को हटा तो दिया, लेकिन प्रभारी को पॉवर देना भूल गए। इसके चलते जीपीएफ के प्रकरण अटक गए हैं।
शिंदे के डीईओ रहने के दौरान दिल के मरीज शिक्षक संतोष गोयल ने एंजियोप्लास्टी के लिए जीपीएफ का पैसा निकालने की अर्जी लगाई थी। इस बीच शिंदे रिश्वत कांड में फंस गए और हटा दिए गए। अर्जी के साथ पैसा भी अटक गया। डॉक्टर ने एक हफ्ते में बायपास सर्जरी करने के लिए कहा था। अफसर चले जाने से आवेदन ठंडे बस्ते में चला गया और डीईओ ऑफिस में कोई सुध लेने वाला नहीं है। उधर शिक्षक की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। शिक्षक गोयल के मुताबिक डीईओ ऑफिस में चक्कर काट रहे हैं पर संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। डॉक्टर का कहना है कि अगर जल्द बायपास नहीं हुआ तो फिर से अटैक आने की आशंका है।