झारखंड। गुमला से 35 बच्चों को उठा लिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है। इन बच्चों को नक्सलियों ने उठाया है. चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार आठ महीने से बच्चों को ढूंढ रही है फिर भी पता नहीं चल पाया है.
साफ है कि सरकार इस मसले पर गंभीर नहीं है. कोर्ट ने बच्चों की गुमशुदगी मामले में सरकार से चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट की मांग की है. आपको बता दें कि सुनवाई बुधवार को चीफ जस्टस वीरेंद्र सिंह और जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में हो रही थी.
महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि गुमला से नक्सली 35 बच्चों को उठा ले गए थे. इनमें 12 बच्चे वापस कर लिए गए हैं जबकि 17 बच्चों की तलाश की जा रही है. इस पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने चेतावनी दी है कि अगर बच्चे नहीं ढूंढे गए तो कोर्ट अधिकारियों को हर सुनवाई में हाजिर होने का आदेश देगा.
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस बराबर अभियान चलाती रही है. बावजूद इसके नक्सली गतिविधियां खत्म नहीं हो रही हैं. ऐसे में अभियान को बंद कर देना चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा कि डीजीपी यदि नक्सल समस्या खत्म नहीं कर सकते तो उन्हें वर्दी वापस कर देनी चाहिए. आपको बता दें कि इस मसले पर अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.