भोपाल। प्रदेश में पदस्थ करीब दो दर्जन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर अपनी चल अचल संपत्ति को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। इन अफसरों को केन्द्रीय कार्मिक विभाग द्वारा बार-बार चेतावनी भी दी गई, लेकिन उन्होंने संपत्ति का विवरण अपलोड नहीं किया। लिहाजा इन अफसरों के नाम अब डिफाल्टर श्रेणी की सूची मे डाल दिए गए हैं।
अचल संपत्ति का विवरण देने का नियम काफी पुराना है, और साल दर साल अफसर अचल संपत्तियों का विवरण देते हैं। वर्ष 2014 की अचल संपत्तियों का विवरण 28 फरवरी तक देना था किंतु करीब दो दर्जन अफसरों ने अभी तक जानकारी ही नहीं दी।
अब केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इन सभी अफसरों को डिफाल्टरों की सूची में डाल दिया है। इसके बाद भी जानकारी नहीं देने पर डीओपीटी के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक ) ने भी असल संपत्तियों का विवरण अपलोड करने के लिए इन अफसरों को कई बार हिदायतें दी गई। इन सभी को व्यक्तिगत फोन करके भी बताया गया, किंतु अभी तक जानकारी नहीं दिए।
इन अफसरों के नाम डिफाल्टरों की सूची में
मप्र कैडर के सीनियर आईएएस अफसर प्रभाकर बंसोड़ को डिफाल्टरों की सूची में डाला गया है। बाकी अफसर 1990 केबाद के बैच के हैं। इसमें प्रमुख रूप से संजय दुबे, कामता प्रसाद राही, शशि कर्णावत (पदच्युत किंतु कोर्ट के आदेश पर निलंबन की सूची में), नीरज दुबे, नरेंद्र सिंह परमार, जॉन किग्सले, लोकेश कुमार जाटव, नागर गोजे मदान विभीषण (मदन कुमार), कर्मवीर शर्मा, कौशलेंद्र विक्रम सिंह, हर्षिका सिंह, अजय काटेसरिया, निधि निवेदिता, रोहित सिंह, स्वरोक्षा सोमवंशी, रजीव रंजन मीना, बक्की कार्तिकेयन, गिरीश कुमार मिश्रा व संदीप जीआर का नाम प्रमुख है।