भोपाल। आईएएस अधिकारी रमेश थेटे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि वे उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति के फैसले पर पुनर्विचार करें। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकायुक्त पीपी नावलेकर जातिवादी ब्राह्मण हैं और मेरे जैसे दलित अधिकारी की बलि चढ़ाकर ब्राह्मण अधिकारियों को बचाकर अभियोजन स्वीकृति दी गई है। याद दिला दें ये वही अफसर हैं जिन्होंने सीएम शिवराज सिंह को लेकर भी अनाप शनाप बयान दिए थे.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के सवर्ण जाति के अधिकारियों केके सिंह, अरुण तिवारी और रवि डफरिया सहित कई अधिकारियों ने लोकायुक्त के दबाव में गलत और झूठा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर शासन को गुमराह किया गया है। इसके कारण ही मेरे विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति आदेश जारी हुआ है। अगर उज्जैन संभाग के सीलिंग का मामला न्यायालय में जाता है तो वे अन्न-जल त्याग देंगे।
- पढ़िए पहले क्या कहा था थेटे ने ;
- सीएम कोई राजा हैं? क्या हम उनके गुलाम हैं? अपनी बात अपने लोगों के बीच रख रहे हैं, इसमें गलत क्या है।
- मैंने तो सिर पर कफन बांध लिया है। मौत का भी डर नहीं है। सरकार के कपड़े बेहद गंदे हैं। यदि कार्रवाई करेंगे...तो पूरी सरकार को नंगा कर दूंगा।