भोपाल। डीजीपी ने विभिन्न मामलों में फरार आरोपी पुलिस अफसर और कर्मचारियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए है. प्रदेश में पिछले एक साल में करीब 100 पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और गबन के अलावा रेप जैसे संगीन मामले दर्ज हुए है. इस मामले में रसूखदार अफसर अब भी गिरफ्तारी से बचे हुए है.
एक साल के अंदर 100 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई. एफआईआर के बाद कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों गिरफ्तार भी हुए, लेकिन पुलिस महकमा रसूखदार और बड़े अफसरों पर मेहरबान रहा.
बीते डेढ़ साल से सस्पेंड एआईजी अनिल मिश्रा फरार चल रहे हैं. सीआईडी में पदस्थ रहे अनिल मिश्रा पर जयपुर में रेप का मामला दर्ज है. अनिल मिश्रा के साथ इसी साल सीआईडी ने जब्ती की राशि में गबन करने के आरोप में रीवा के डाभैरा एसडीओपी रहे सुजीत सिंह बरकड़े और पनवार थाना प्रभारी अरुण सिंह बघेल
के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. बीते ढाई महीने से दोनों ही पुलिस अधिकारी फरार चल रहे हैं.
डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने अब ऐसे सभी मामलों में फरार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के निर्देश सीआईडी को दिए है. वहीं , पुलिस के रिटायर्ड अफसरों का कहना है कि पुलिस सख्ती बरते तो बड़े से बड़ा फरार आरोपी गिरफ्तार हो जाता है.
रिटायर्ड एडीजी बीके दामले का मानना है कि पुलिस को सख्ती करते हुए फरार आरोपी पर ईनाम की राशि के साथ चल और अचल सम्पत्ति को कुर्क करना चाहिए. आर्थिक नुकसान होने पर आरोपी सरेंडर ही करता है.
दरअसल, लंबे समय से फरार चल रहे पुलिस अफसरों की गिरफ्तारी न होना पूरे पुलिस सिस्टम पर सवाल खड़े करता है. जिम्मेदार अफसर या तो इन अफसरों को पकड़ना नहीं चाहते, या फिर पुलिस के ही संरक्षण में अफसर फरारी काट रहे हैं.