
प्रदेश के विश्वविद्यालयों की वर्तमान हालत को देखते हुए विभाग स्लेट की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को देने के लिए सहमत नहीं है। मध्यप्रदेश स्टेट लेवल इलिजबिलिटी टेस्ट (स्लेट) कराने का मामला उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बीच उलझ गया है। आखिरी विकल्प के तौर पर स्लेट का आयोजन मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को सौंपने का प्रस्ताव बनाकर यूजीसी को भेजा है।
फिलहाल इस प्रस्ताव पर यूजीसी की सहमति का इंतजार किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने करीब 13 साल बाद असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता के लिए स्लेट को दोबारा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे प्रदेश के छात्रों के लिए नेशनल इलिजबिलिटी टेस्ट (नेट) का विकल्प तैयार करना है।
स्लेट पर सरकार की मंजूरी के बाद विभाग ने एक कमेटी का गठन कर परीक्षा के लिए विषय और सिलेबस के साथ ही अन्य सभी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। लेकिन मामला तब अटक गया, जब स्लेट कराने के लिए एजेंसी तय करने की बात सामने आई।
'यूजीसी को स्लेट कराने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। जैसे ही जवाब आ जाएगा स्लेट परीक्षा आयोजित कर ली जाएगी।'
उमाकांत उमराव, आयुक्त उच्च शिक्षा