भोपाल। व्यापमं घोटाले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों का नाम उजागर न करने के लिए कथित रूप से संघ पदाधिकारियों का दबाव झेल रहे व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी को गुरुवार को संघ के दफ्तर समिधा से लौटा दिया गया। आशीष का कहना है कि बीते 9 सालों से वह संघ कार्यालय में गुरु पूजा में गुरु दक्षिणा देता आया है। आशीष का आरोप है कि वे समिधा गए थे लेकिन कार्यालय प्रमुख ने उन्हें यह कहकर वापस कर दिया कि उन्हें यहां आने की अनुमति नहीं है।
आशीष का कहना है कि यह उनका अपमान है और यदि संघ उन्हें अपना नहीं मानता है तो संघ बीते 9 सालों में दी गई मेरी गुरू दक्षिणा और समय वापस करे। आशीष का कहना है कि मां के बीमार रहने के दौरान भी वह पूर्णकालिक संघ कार्यकर्ता बनकर संघ कार्यों के प्रचार में लगे रहे। यदि संघ से जुड़े कुछ भ्रष्ट लोगों के नाम उन्होंने उजागर किए तो किसी को तकलीफ क्यों हो रही है। आशीष गुरुवार की सुबह 9.20 बजे समिधा पहुंचे थे।
यहां कार्यालय प्रमुख सुरेश से जब उन्होंने बात की तो उन्हें जवाब मिला कि वे यहां नहीं आ सकते। सुरेश ने उन्हें यह भी कहा कि क्षेत्रीय प्रचारक अरुण जैन ने कहा है कि आशीष को यहां नहीं आने देना। आशीष का कहना है कि पहले अरुणजी ने ही बयान जारी कर कहा था कि आशीष संघ का स्वयंसेवक है। फिर तीन दिन के भीतर ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने उनके आने पर फिर रोक लगा दी। आशीष के आरोपों के बारे में आरएसएस मध्य क्षेत्र प्रमुख नरेंद्र ने कहा कि आज के विषय के बारे में उन्हें जानकारी नहींं है।
मिहिर आ सकता है तो फिर मैं क्यों नहीं
आशीष का कहना है कि व्यापमं घोटाले में आरोपी रहे मिहिर का समिधा में लगातार आना-जाना है। एक आरोपी से संघ पदाधिकारियों को कोई गुरेज नहीं है तो फिर व्हिसल ब्लोअर से क्यों? आशीष का कहना है कि वे तो संघ के भगवा ध्वज और सेवा भावना को देखकर इसमें शामिल हुए थे। उन्हें यह नहीं पता था कि भ्रष्टाचार उजागर करने वाले को संघ से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।